+किज़ितो मकोये द्वारा
दार एस सलाम (आईडीएन) – लैंगिक समानता को प्रोत्साहन देने के प्रयासों के बावजूद, तंज़ानिया में स्त्रियाँ और लड़कियाँ अब भी अधिकारहीन और मोटे तौर पर बेकार नागरिक हैं – जो एक पक्षपातपूर्ण पुरुष-प्रधान प्रणाली के कारण अक्सर पुरुष नागरिकों के भेदभाव और हिंसा का शिकार बनती हैं तथा उत्तरजीविता के कगार पर खड़ी हैं।
तथापि, संयुक्त राष्ट्र संघ के संधारणीय विकास लक्ष्यों (Sustainable Development Goals – SDGs) के अनुरूप स्त्रियों को सशक्त बनाने के लिए विभिन्न पहलें लागू की जा रही हैं, हालांकि उनको अब भी अपनी पूर्ण क्षमता तक पहुँचने से रोकने वाले अवरोधों का सामना करना पड़ रहा है।
अन्य चीजों में, SDG स्त्रियों के सशक्तिकरण, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, उत्तम काम और राजनीतिक और आर्थिक निर्णय प्रक्रियाओं में उचित प्रतिनिधित्व का आह्वान करते हैं, तथा इस दिशा में इस पूर्व अफ्रीकी देश में फिलहाल जारी कुछ पहलें निम्नानुसार हैं।…